चिकनगुनिया से बचने के लिए कुछ आसान उपाय-Chikungunya some easy tips to avoid


ऐसे 5 पौधे जो मच्छरों को भगाते हैं दूरऐसे 5 पौधे जो मच्छरों को भगाते हैं दूरऐसे 5 पौधे जो मच्छरों को भगाते हैं दूरऐसे 5 पौधे जो मच्छरों को भगाते हैं दूरऐसे 5 पौधे जो मच्छरों को भगाते हैं दूर



देश के कई हिस्से इन दिनों मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में हैं. डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के मरीजों से अस्पताल भरे हुए हैं. मच्छरों से बचने के लिए लोग तरह-तरह के क्रीम, लोशन और कैमिकल का इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं जो त्वचा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. मच्छरों से बचाव के लिये घर में कुछ पौधे लगाना हर्बल और बेहद सस्ता उपाय हो सकते हैं. इन पौधों में मच्छरों को दूर भगाने वाली गंध और गुण पाया जाता है. (1) नीम का पौधा आयुर्वेदिक और औषधीय गुणों से युक्त होता है. इसमें मौजूद तत्व मच्छरों, कीड़े-मकोड़ों को दूर रखने में मददगार होते हैं. मच्छरों को भगाने के लिए नीम की पत्तियों को घर में रखें, पत्तियों को जलाकर घर में इनका धुंआ करें. इसका तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं.


 गेंदे के फुल तीखी सुगंध भी मच्छरों के लिए परेशानी का सबब बनती है. यही कारण है कि मच्छर इस पौधे से दूर ही रहते हैं.




हरी चाय का पौधा जानलेवा मच्छरों का दुश्मन है. इस पौधे की खुशबू से मच्छर दूर भाग जाते हैं. हरी चाय के पौधे की खुशबू भी बिल्कुल नींबू की तरह होती है. मच्छरों को मारने के लिये बाजार में बिक रही कई अच्छी कम्पनियों की दवाओं में कुछ मात्रा में इस पौधे का रस मिलाया जाता है. इसकी पत्तियों को पीस कर शरीर में लगा लेने पर इसकी खुशबू से मच्छर आपके आस-पास भी नहीं फटकेंगे. 




 तुलसी का पौधा भी अनेक गुणों से भरपूर होता है. तुलसी की खुशबू बेहद तेज होती है जो मच्छरों को दूर भगाने में सहायक होती है. जहां तुलसी का पौधा लगा हो उसके आसपास मच्छर नहीं आते.



लेमन बाल्म पुदीने की तरह दिखने वाला एक पौधा है. इसकी खुशबू नींबू के जैसी होती है इसीलिए इसका नाम लेमन बाल्म रखा गया था. यह पौधे जहा लगा होता है इसकी महक चोरों चारों ओर फैलती है. इसकी सुगंध के कारण मच्छर इसके पास नहीं आते. मच्छरों से बचने के लिए इसकी पत्तियों को रगड़कर शरीर पर भी लगाया जा सकता है.



  1. चिकनगुनिया से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करने वाली क्रीम को अच्छी मात्रा में लगाएं, फुल स्लीव्स के कपड़े पहने और गिलोय युक्त टैबलेट का सेवन करें.
  2. काली व सफेद मिर्ची के साथ लौन्ग का तेल या लहुसन का पेस्ट लगाने से भी जोड़ों का दर्द कम होता है.
  3. जब बात हो चिकनगुनिया के बुखार की, तब तुलसी की पत्तियां बेहद प्रभावशाली होती हैं. पानी में 5-6 तुलसी की पत्तियों को उबाल लें और इस पानी को खाने के बाद le. ये बुखार को कम तो करेगा ही साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ाएगा
  4. कच्ची गाजर को खाने से भी शरीर में चिकनगुनिया के बुखार से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. इसके साथ ही जोड़ों के दर्द व अन्य दर्द से भी बचाव होता है. लीवर को फिट व चिकनगुनिया के बुखार को दूर करने के लिए नारियल का पानी भी एक अच्छा उपाय है. इसके सेवन से लीवर डिटॉक्सीफाई होता है जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है
  5. 7 नीम, 11 तुलसी, 4 पीपल की पत्तियों, आधा इंच अदरक का टुकड़ा, चार लौन्ग, 6-7 काली मिर्च, आधा चम्मच अजवाइन, आधा चम्मच हल्दी को पानी में मिलाकर उबालें. जब ये मिक्सचर हृ रह जाए, तब इसे आधा चम्मच गुड़ रखे किसी चीनी मिट्टी के बर्तन में डालें. लगातार पांच दिनों तक इस पानी का सेवन करें.
  6. एक-चौथाई पपीते के पत्तों के जूस में थोड़ी सी गिलोई की जड़े मिलाकर 20 मिनट तक उबालें और फिर उस पानी को पी लें.
  7. एक पतीले में पानी लेकर उसे 5 मिनट तक उबालें, फिर इसमें 1 चम्मच अजवाइन, 10 तुलसी की पत्तियां, 10 किशमिश मिलाकर थोड़ी देर और उबालें। इस पानी को बिना छाने पी लें. इससे लीवर साफ होगा और बीमारी भी ठीक होगी.
  8. उंगलियों को आपस में मलने से भी दर्द कम होता है. बीच की उंगलियों की मसाज करने से पैरों के जोड़ों का दर्द और बाहरी उंगलियों की मालिश करने से हाथों के जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी. कई बार बुखार के गिर जाने पर भी चिकनगुनिया के मरीज इस दर्द से पीड़ित रहते हैं.
  9. उंगलियों को आपस में मलने से भी दर्द कम होता है. बीच की उंगलियों की मसाज करने से पैरों के जोड़ों का दर्द और बाहरी उंगलियों की मालिश करने से हाथों के जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी. कई बार बुखार के गिर जाने पर भी चिकनगुनिया के मरीज इस दर्द से पीड़ित रहते हैं.
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डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार डेंगू एक वायरल इंफैक्शन है जो एडीज मच्छर (प्रजाती) के काटने से डेंगू वायरस फैलता है. यह मच्छर दिन में ही काटता है. बुखार के दौरान प्लेटलेट्स कम होना इसका मुख्य लक्षण हैं. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता. बुखार के साथ सबसे सामान्य लक्षण है सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा का खराब हो जाना. कभी-कभी, यह लक्षण फ्लू के साथ मिलकर कंफ्यूज भी कर देते हैं. पिछले कुछ सालों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. डेंगू इंफेक्शन का पता ब्लड टेस्ट के द्वारा लगाया जाता है. इस दौरान आपको सही से आराम करने और बहुत सारे पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है. तो वहीं अंग्रेजी दवाओं के सेवन से अन्य रक्त कोशिकाओं पर भी असर पड़ता है,  एक्सपर्ट और मैडअबाउटवेलनेस खुशबू जैन ने बताया की नैचुरल थैरेपी बचाव में तो मदद करती है बिना किसी साइड इफैक्ट के. इस बीमारी से लड़ने में कुछ एसेन्शियल ऑयल मददगार साबित हो सकते हैं.

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