"जीवन के बद्लाव"

ऒंम/एस के/२२/२०१४          


एक छोटी सी लड़की अपने घर में उद्यान की सुंदरता का आनंद ले रही थी . उसके पिता ने दुर्लभ और विदेशी पौधों का एक अच्छा संग्रह बना रखा था . एक दिन उसने अपनी बेटी से कहा कि उन्हें बढ़ी ध्यान से देखभाल करना मै दो दिन के लिये बाहर जा रहा हू. सुबह लड़की उद्यान मे घूम रही थी एक गमले मे सुगंधित फूल को देखकर वो मोहित हो गयी.
वह पौधे के पास चली गयी और उसकी सुंदरता और खुशबू का आनंद लेने लगी .अचानक उसने देखा पौधे मे काफ़ी गंदगी बढ़ रही है. वह बर्दाश्त नहीं कर सकी गमले के तल पर गंदगी की उपस्थिति.

उसने गमले को साफ करने के लिए सोचा .उसने गमले को उठा लिया, उसने  सारे पौधे को फूल साथ गमले से उखाड़ा .नल से कई बार जड़ों को धोया गंदगी के सभी निशान जब तक धुल नही गये तथा गमले को भी साफ़ पानी से धोया . फ़िर उसने पौधे को गमले मे  लगा दिया.और उसने अपने मन मे सोचा वास्तव में मैने एक बहुत बड़ा कार्य किया है , यह सोचकर घर मे चली गयी
शाम को उसके पिता वापस आये और गमले मे पौधा देखा वाह मुरझा गया था इसके फूलों और पत्तियों मे कुम्हलाहट आ गई और पौधा लगभग मर गया था . सूरज की ताप से झुलस चुका था.

उसकी छोटी बेटी अपनी इस उपलब्धि प्रदर्शन करने के लिए भाग कर पास आयी .और बोली
पिताजी मैने यह साफ कर दिया है , ' वह मासूम सी बोली ' पौधा गंदा मिट्टी  में रखा था मैने साफ़ कर दिया ,अब यह साफ है . ' पिता ने उसे प्यार से देखा और मुस्करा दिये.

पिता ने प्यार से बेटी को बताया तली की सफ़ाई से पौधा मरनासन्न हो गया है बेटी बोली आपको कैसे पता चला . पिताजी बोले वह गंदी मिट्टी तली मे मैने एकत्र की है और कवर करके इसलिए रखा था कि यह पौधा विकसित करने का सबसे अच्छा माध्यम था पौधे की जड़ों के रूप मे यह बढ़ सकता है ऊपर स्वस्थ और नीचे गंदी मिट्टी में उगाई अच्छे ठीक फूलों का उत्पादन इसी की की वजह से होता है .
फिर वाह सोचने लगे गमले की सफाई सुख की बात थी कि दुख की बात थी .

कहानी का नैतिक :
एक महान माली प्रत्येक पौधो लिए सही मिट्टी घोला खाद बना सकता है . उसी तरह हमारे
इष्टतम विकास के लिए आवश्यक सबसे अच्छा वातावरण गुरु, पिता,भाई,माँ  के द्वारा प्रदान की जाती हैं .लेकिन यह हमको अपने लिए अप्रिय प्रतीत हो सकता है .

कभी कभी जीवन में हम कठिन और अप्रिय ' गंदा ' समय भी देख सकते है जीवन के बद्लाव के लिये समय के माध्यम से उचाइयो को पाने  के लिए,
जैसे पौधा विकसित करने के लिए जड़ें और गंदगी जो कि( खाद का रुप लेकर) स्वस्थ फल उत्पादन कर सकते हैं ' किसी भी फल के पेड़ की तरह
************** ************** शुक्रिया
SK

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