संवाद की कुशलता-Communication skills

कन्नड़ में एक गीत है जिसमे कहा गया है “आपकी कथनी इतनी अद्भुत और मीठी होनी चाहिए की भगवान शिव भी केवल सुनें और प्रसन्नता से सहमति में अपना सर हिलाएं और कहें  हाँ  हाँ ”| ऐसी प्यारी आपकी कथनी होनी चाहिए|

एक बार एक ज्योतिषी एक राजा के पास गया| राजा ने उसे बहुत आदर दिया, उसे बिठाया और उसे सम्मान और उपहार दिया| राजा ने उसे अपनी हथेली और अपनी जन्म कुंडली दिखाई| ज्योतिषी ने सब कुछ की जाँच की और राजा से कहा “हे राजन! तुम अपने सारे परिवार को खो दोगो| सब लोग तुम्हारे पहले मृत्यु को प्राप्त कर लेंगे | तुम्हारी मृत्यु सबसे अंत में होगी”|
राजा यह सुनकर बहुत क्रोधित हो गया और उसने ज्योतिषी को कारागार में डाल दिया| इस समाचार ने सारे ज्योतिषी समाज को हिलाकर रख दिया| उन्होंने सोचा “हम तो राजा को सच नहीं बता सकते, अगर हम ऐसा करते हैं तो वे हमें कारागार में डाल देगा, अब हम क्या करें”?
कोई भी व्यक्ति नकारात्मक भविष्यवाणी पसंद नहीं करता| वह निःसंदेह कोई अच्छी और सकारात्मक बात सुनना चाहता है| और ऐसा राजा के लिए भी सच था|
राजा ने दूसरे ज्योतिषी को अपने सामने आने के लिए कहा| बहुत से ज्योतिषी राजा के इस निवेदन से पलायन कर गए पर एक वरिष्ठ ज्योतिषी राजा से मिलाने को तैयार हो गया| तो वह राजा के समक्ष प्रस्तुत हुआ, राजा ने उसका भी उसी भाव और उपहारों से स्वागत किया| राजा ने उसको अपनी हथेली दिखाई| ज्योतिषी बोला “हे राजन! आपको तो महान भविष्य का वरदान है! आपका राशिफल तो बहुत अच्छा है| समस्त इतिहास में किसी को भी इस तरह का दीर्घायु होने का सौभाग्य नहीं है जैसा आपका है| सच तो यह है कि आपके राजवंश में कोई भी इतना दीर्घायु नहीं हुआ है जितने आप होंगे”|
ज्योतिषी ने यह नहीं कहा कि राजा अपने राजपरिवार में सभी लोगों से ज्यादा समय तक जीवित रहेगा| उसके बदले में उसने कहा कि उसको दीर्घायु होने का सौभाग्य प्राप्त है और उसका राशिफल बहुत अच्छा है| राजा अपने दीर्घायु होने और अपने अच्छे स्वस्थ्य के बारे में सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ| उसने ज्योतिषी से कहा “आपको जो भी उपहार मुझसे मांगना है मांग लो मैं आपको वह दे दूंगा”| ज्योतिषी ने कहा “कृपया मेरा सहकर्मी जो कारगर में बंद है उसे छोड़ दीजिए”|

संवाद की कुशलता से बहुत फर्क पड़ता है| कन्नड़ भाषा में एक दोहा है, “शब्दों से ही हंसी और मस्ती होती है, और शब्दों से ही शत्रुता भी हो सकती है”| इस लिए, हमारे संवाद से ही द्वंद्व उत्पन्न होता है|
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में और इन दोनों और अमेरिका में क्या संघर्ष है आज? यह केवल इन सब के बीच में प्रयोग किये गए शब्द ही तो हैं, सब केवल कथन के कारण है| इनके बीच में कोई व्यापारिक और अन्य विवाद नहीं है|


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