enthusiasm-उत्साह

enthusiasm-उत्साह
लंका पर हमला करने से पहले एक पुल का निर्माण भगवान राम के द्रारा किया गया,एक गिलहरी पर द्वारा किया गया एक रोल अविस्मरणीय होगा और वह था अपने अपने शरीर पर रेत लाने  और उसको एक जगह एकत्र करना .यह कार्य भगवान राम के प्रहरी ,और वानर गौर से देख रहे थे .बंदरों , भगवान राम के प्रहरी ,और कुछ सैनिकों ने इस घटना का वर्णन भगवान राम से किया  जो गिलहरी द्वारा किया गया और कहा क्या होगा इस छोटे छोटे और थोड़ी सी रेत से. भगवन ने गिलहरी को बुलाने के लिए कहा और पूछा वह क्या कर रही थी और क्यो ?

जो गिलह्रिरी का जवाब था, "
गिलहरी मैं अपने  भगवान से माफी कि ,भीख माँगती हूँ  और कहा, " , श्रीलंका को जीतने के लिए !"  था भगवान  रेत पर्याप्त हैं या कम , मुझे लगता है कि मै इस पर गौर नहीं कर रही हूँ, लेकिन मुझे पता है कि मैं अच्छा करने के लिए अपने स्तर पर कोशिश कर रही हूँ .
मेरी सारी ऊर्जा इसी पर लगी है की मै क्या योगदान देती हूँ. "यह सुनकर सब अभिभूत हो गये . भगवान राम ने प्यार से पीठ थपथपाई यह एक गिलहरी के शरीर पर धारियों भगवान की उंगलियों के निशान हैं कहा जाता है कि तभी से ये निसान पड़े .

कहानी का अभिप्राय :
यह असाइनमेंट बड़ा या छोटा है, कोई फर्क नहीं पड़ता . मायने रखती है कि क्या है.आप कुल समर्पण और उत्साह के साथ उसे कर्ते है या नहीं यदि यह करने को आप उत्सुक हैं , तो आपके पास आवश्यक उत्साह है और आप उत्साहित कर सकते हैं तो आपको कुछ भी नहीं रोक सकता है

          SK   ************** *************** शुक्रिया

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