सेवा क्या है?- What is service ?
सेवा क्या है? मेरा हर कर्म सेवा
सेवा मतलब, ‘उसकी तरह करना’| ‘उसकी’ अर्थात सृष्टि का निर्माता| वह आपके लिए सब कुछ करता है और बदले में आपसे कुछ भी नहीं चाहता| इसलिए, आपसे जितना हो सके, वो करना – और बदले में कुछ भी न चाहना – इसी को सेवा कहते हैं|
हाँ, उसका फल निश्चित ही मिलता है| लेकिन जब आप उसके फल की इच्छा कर रहे होते हैं, तब वह सेवा नहीं रह जाता| बिना कुछ उम्मीद किये, बिना कुछ चाहे, सिर्फ कुछ करने के लिए जो किया जाए – वही सेवा है|
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