मन की शांति - अन्तःकरण की शांति Peace Of Soul
मन और शरीर का आपसी सम्बन्ध
मन और शरीर का आपस में गहरा सम्बन्ध है। जब मन शान्त होता है तो शरीर को
शकून महसूस होता है। अगर मन में तनाव और अशान्ति है तो शरीर में कहीं न
कहीं दर्द का अनुभव होने लगता है। वहीं दूसरी तरफ अगर हम शरीर में कहीं
दर्द महसूस कर रहे हैं तो मैं दुःख का अनुभव क्यों करूँ? इस तरह से दुःख
लेते रहना एक आदत बन जाती है ना कि जरूरत। अपने या किसी और के दर्द और
बीमारी के बारे में अधिक सोचने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है। अधिक
सोचने से दुःख का अहसास करते रहना इस आदत के कारण जो तकलीपेंᆬ होती रहती
हैं, यह सबसे बड़ी बीमारी है।
कभी कभी आप अपनी जिंदगी से निराश हो जाते हैं, जबकि दुनिया में उसी समय कुछ लोग आपकी जैसी जिंदगी जीने का सपना देख रहे होते हैं। घर पर खेत में खड़ा बच्चा आकाश में उड़ते हवाई जहाज को देखकर उड़ने का सपना देख रहा होता है, परंतु उसी समय हवाई जहाज का पायलट खेत ओर बच्चे को देख घर लौटने का सपना देख रहा होता है। यही जिंदगी है। जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो। अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही खुशहाल होने का सीक्रेट होता, तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते, लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे ऐसा करते दिखाई देते हैं। अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से सुरक्षा आ जाती तो नेता अधिकारी बिना सिक्युरिटी के नजर आते। परन्तु जो सामान्य जीवन जीते हैं, वे चैन की नींद सोते हैं। अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि मजबूत रिश्ते कायम कर सकती तो सेलीब्रिटीज् की शादियाँ सबसे सफल होती। जबकि इनके तलाक होते हीं रहते हैं इसलिए दोस्तों, यह जिंदगी सभी के लिए खुबसुरत है... इसको जी भरकर जीयों, इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ... क्योंकि जिदंगी ना मिलेगी दोबारा... सामान्य जीवन जियें... विनम्रता से चलें और ईमानदारी पूर्वक प्यार करें... स्वर्ग यहीं हैं...
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