रणनीति महत्वपूर्ण है, प्रदर्शन नहीं-Strategy is important, not performance


बयासी वर्षीय वांग त्सिंग अर्जेंटीना में रहते हैं। इस उम्र में भी वह चीन के युवाओं को मार्शल आर्ट ′ताई ची′ सिखाते हैं। ताई ची एक प्राचीन मार्शल आर्ट है, जिसमें अनेक शारीरिक क्रियाएं करते समय सांस पर नियंत्रण रखा जाता है। यह सिर्फ मार्शल आर्ट ही नहीं है, बल्कि योग की भी एक पद्धति है। इसका अभ्यास करने वाले सुघड़ शरीर के साथ स्थिर और सुदृढ़ मन के भी स्वामी होते हैं। वांग त्सिंग ने इस आर्ट में कई बदलाव या सुधार किए। एक बदलाव तो यह कि ताई-ची आर्ट में पहले रंगीन बेल्टों का उपयोग होता था। त्सिंग ने उसे बंद किया और सीधे-सादे बेल्टों का चलन शुरू किया। तरह तरह के रंग वाले बेल्ट योद्धा के स्तर और कौशल को व्यक्त करते थे। अब सभी योद्धाओं और अभ्यासियों के पास एक ही जैसे बेल्ट थे। यानी वे सभी समान थे।
एक शिष्य ने वांग त्सिंग से पूछा, दूसरी सभी मार्शल आर्ट पद्धतियों में योद्धा का स्तर दिखाने के लिए अलग अलग रंगीन बेल्टों का प्रयोग किया जाता है। ताई ची में यह क्यों मना है? वांग ने उत्तर दिया, यदि तुम्हारे पास धन हो, तो तुम उसे हाथ में लेकर घूमते हो या उसे अपनी जेब में संभालकर रखते हो? उस शिष्य ने कहा, जेब में रखते हैं। तब वांग त्सिंग ने फिर पूछा, और यदि धन बहुत अधिक हो, तो उसे भी अपनी जेब में ठूंसकर ही रखोगे? शिष्य ने कहा, नहीं, जेब में ठूंसकर नहीं रखेंगे, बल्कि उसे संभालकर तिजोरी या बैंक में रख देते हैं।
अब वांग त्सिंग ने कहा, सभी को दिखनेवाली बड़ी-सी बेल्ट पहनकर घूमने में क्या तुक है? कौशल और रणनीति सबको यह बता देती है कि तुम्हारी सीमा और क्षमता क्या है। प्रवीण योद्धा यह भलीभांति जानता है कि रणनीति महत्वपूर्ण है, प्रदर्शन नहीं।
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कौशल और रणनीति यह बता देती है कि हमारी सीमा तथा क्षमता क्या है।

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