Sorry for mistakes-गलतियों के लिए क्षमा


नियति का अनुशासन सही अर्थों में प्राणी को मनुष्य बना देता है। इसी का नाम दूसरा जन्म है। श्रावण पूर्णिमा पर किए जाने वाले वैदिक उपक्रम इस दूसरे जन्म को ही याद कराते और सार्थक बनाते हैं।
हेमाद्रि संकल्प पिछले वर्ष हुई
गलतियों को न दोहराने का निश्चय है। याद कीजिए कि नीति नियमों और धर्म मर्यादाओं का कितना उल्लंघन हुआ है।
प्रमाद से हो या चालाकी से, जो भी उल्लंघन हुआ है, उसके लिए अस्तित्व से क्षमा मांगने और न दोहराने का निश्चय आपको पवित्र बना देता है। क्योंकि चूक कहीं भी हुई हो , व्यवस्था में अवरोध लाती ही है। उन गलतियों को फिर नहीं होने देने का संकल्प किसी हद तक तो संतुलन साधता ही है।

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