स्वतंत्रता चाहते हो तो पहले मरना सीखो।

ins-28-06-2014
एक गाँव में एक व्यक्ति ने तोता पाल रखा था। वह उसे हमेशा अपने साथ रखता। एक बार ऐसा हुआ कि उस व्यक्ति को किसी काम दूसरे गांव जाना पड़ा। जाते-जाते वह तोते से मिला। तोते ने उससे कहा – स्वामी, जहां आप जा रहे हैं वहाँ मेरा गुरु-तोता रहता है. उसके लिए मेरा एक संदेश ले जाएँगे?
उस व्यक्ति ने हामी भर दी और संदेश पूछा। तोते ने कहा मेरे गुरु को बताना कि आजादी की हवा में सांस लेने वालोे गुरु को एक बंदी तोते का प्रणाम। वह व्यक्ति दूसरे गांव पहुँचा और उस गुरु-तोते को अपने प्रिय तोते का संदेश बताया। संदेश सुनकर गुरु-तोता तड़पा, फड़फड़ाया और मर गया। वह व्यक्ति हैरान रह गया। काम पूरा कर उस व्यक्ति नेे तोते को उसके गुरु का पूरा वाकया बताया।
गुरु के मर जाने की खबर सुनकर वह तोता भी तड़पा, फड़फड़ाया और मर गया। उस व्यक्ति ने भारी मन से मरे हुए तोते को पिंजरे से बाहर निकाला और उसका दाह-संस्कार करने के लिए ले जाने लगा। रास्ते में अचानक तोते मे पंख फड़फड़ाए और फुर्र से उड़ गया। उड़ते उड़ते उसने अपने स्वामी से कहा कि मेरे गुरु-तोते ने भी मुझे संदेश भेजा था। संदेश यह था कि यदि  स्वतंत्रता चाहते हो  तो पहले मरना सीखो।

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