हर हाल में खुश रहें

ins/27/2014

सभी हालात को कुबूल करें हर हाल में खुश रहें, एक बूढ़ा किसान था, जिसने कई साल खेती में कठिन परिश्रम किया। एक दिन उसका घोड़ा भाग गया। खबर सुनकर उसके पड़ोसी सहानुभूति जताने के लिए पहुंचे। सभी ने कहा, बहुत बुरा हुआ। इस पर किसान ने कहा, हो सकता है, लेकिन जैसी ईश्वर की इच्छा।

अगले दिन उसका घोड़ा वापस आ गया। उसके साथ और भी तीन घोड़े थे। पड़ोसी इस बार भी आए। हालांकि वे ईर्ष्या से भरे थे, फिर भी उन्होंने खुशी जताई और कहा, कितना अच्‍छा हुआ। किसान ने जवाब में कहा, हो सकता है। मगर ऊपर वाला जो भी करता है, अच्छा ही करता है।
अगले दिन किसान का बेटा उनमें से एक घोड़े की सवारी करने के लिए निकला। घोड़े ने उसे गिरा दिया, जिससे उसका पैर टूट गया। पड़ोसी फिर मिलने आए और सहानुभूति से इस दुर्घटना के बारे में बोले। किसान ने फिर कहा, हो सकता है। पर जैसा ईश्वर करें।

कुछ दिनों बाद वहां के सैन्य अधिकारी गांव में ऐसे युवकों की तलाश में आए, जिसे सेना में भर्ती किया जा सके। उन लोगों ने किसान के बेटे को देखा, उसके टूटे पैर देखे, और उसे छोड़ दिया। पड़ोसी ने बधाई देते हुए किसान से कहा, अच्छा हुआ। किसान ने फिर शालीनता से कहा, हो सकता है। जैसी ईश्वर की मर्जी।प्रत्येक स्थिति में एक समान रहने वाला व्यक्ति हमेशा संतुष्ट और सुखी रहता है।

SK

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