सब जानने के बाद निष्कर्ष निकालना चाहिए

एक बुजुर्ग आदमी रेल में अपने 25 साल के बेटे के साथ बैठा हुआ था . रेलगाड़ी स्टेशन छोड़ने  वाली थी . ट्रेन के शुरू होते ही,25 साल  के जवान आदमी को खुशी और जिज्ञासा से भर दिया. वह खिड़की के किनारे पर बैठा हुआ था .उसने खिड़की पर अपना एक हाथ रख दिया और गुजर रही हवा हाथ पर महसूस कर रहा था .

अचानक वह पेड़ों को देख चिल्लाया पिताजी  , "
सभी वृक्ष पेड़," पीछे जा रहे हैं . बुजुर्ग आदमी मुस्कुराया और अपने बेटे की भावनाओं की प्रशंसा की. जवान आदमी, के बगल में कुछ जोड़े बैठे थे और वह ये सब देख रहे थे पिता और पुत्र के बीच . वे थोड़ा अजीब थे 25 वर्षीय व्यक्ति  एक छोटे बच्चे कि तरह बर्ताव कर रहा था.

अचानक युवक फिर कुछ देख चिल्लाया पापा ,पापा " तालाब और जानवरों के साथ बादल भी" ट्रेन के साथ आगे बढ़ रहे हैं .लोग बड़े कुतूहल में युवक को देख रहे थे .

अब बारिश भी होना शुरू हो गयी थी और कुछ पानी की बूंदों ने युवक के हाथ को छुआ . और वह खुशी से भर जाता है और ख़ुशी से अपनी आँखें बंद कर लेता है.

अचानक वह फिर चिल्लाया " बारिश हो रही है पिताजी, पानी मुझे छू रहा है ,पिताजी देखो" पिताजी देखो.जो लोग बड़े कुतूहल में युवक को देख रहे थे , उनमे से कुछ लोग जो सभ्य से लग रहे थे बूढ़े आदमी से पूछा , "तुम क्यों डॉक्टर से बात नहीं करते अपने बेटे का" इलाज करवाने के लिए उसका इलाज कराओ.

बूढ़े आदमी कहा हां , हम अस्पताल से आ रहे हैं , " आज ही मेरे बेटे को आँख मिली है   "अपने जीवन में आंखों से पहली बार देखा है.

कहानी का मोरल :

बहुत बार, हम लोगो से से जुड़े अन्य लोगों के बारे में त्वरित आकलन कर लेते है उनकी मंशा क्षमता और भविष्य की संभावना . अक्सर इस तरह के निष्कर्ष हैं उनकी प्रतिष्ठा के बारे में .  हमें हमेशा ही सब जानने के बाद निष्कर्ष निकालना चाहिए

Comments

Popular Posts